जयपुर: दुनिया भर में मशहूर जयपुरी रजाई बनाने वाला जयपुर का रजाई उद्योग इन दिनों दिक्कत का सामना कर रहा है। एक समय था जब कपास से बनी जयपुरी रजाई को उनकी गुणवत्ता और हल्के वजन की वजह से देश और विदेश में कई खरीददार मिलते थे। हालांकि अब कई वजहों से इसकी बिक्री कम हो गई है, जिससे व्यवसाय से जुड़े कारीगरों की रोजी रोटी पर असर पड़ रहा है।
रजाई की जरूरत सिर्फ सर्दियों में पड़ने की वजह से इसके कारीगरों को हमेशा रखना मुश्किल होता है जिससे इसके कुशल कारीगर मिलने में दिक्कत होती है। वहीं कुछ दुकानदार रुई से बनी रजाइयों की बिक्री में गिरावट के लिए सिंथेटिक फाइबर से बनी रजाईयों के चलन को भी जिम्मेदार मानते हैं।
व्यापारियों के मुताबिक रजाई इंड़स्ट्री जयपुर में करीब 250 साल पुरानी है। एक दशक पहले करीब 25,000 कारीगर परिवार इसमें लगे हुए थे लेकिन अब महज 10,000 से भी कम परिवार इस धंधे से जुडे हुए हैं।