मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर से 70 किलोमीटर दूर नकटिया गांव की महिलाओं को पानी लाने के लिए कई किलोमीटर दूर तालाब तक रोजाना जाना पड़ता है। गर्मी के मौसम में तालाब सूखने से हालात और भी बदतर हो जाते हैं। फिर ग्रामीणों को पानी निकालने के लिए और गहरे गड्ढे खोदने पड़ते हैं। इस गांव में पानी का तालाब के अलावा एक और स्रोत कुआं है। इस कुएं पर लोग सुबह से ही लाइन में लग जाते हैं। पानी की वजह से यहां अक्सर झगड़ा भी हो जाता है।
ग्रामीणों की शिकायत है कि वे कुएं और तालाब से जो पानी लाते हैं वो गंदा होता है, जिसकी वजह से लोग बीमार भी होते रहते हैं। पानी की कमी के साथ साथ स्वास्थ्य सुविधआओं की कमी उनकी परेशानियों में इजाफा करती है।
गांवालों के मुताबिक बार-बार शिकायत के बावजूद अभी तक सरकार पानी की समस्या का समाधान नहीं कर पाई है। हालांकि कुछ लोगों को उम्मीद है कि आम चुनावों के बाद उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा।
चुनावी समर में दावे और वादे तो नेताओं की जुबान से निकलते रहते हैं लेकिन क्या इस बार इन गांववालों की साफ और पर्याप्त पानी की प्यास सरकार बुझा पाएगी। यही नकटिया गांव के लोगों का सियासत करने वालों से सीधा सवाल है।