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20 साल में सबसे सूखे दौर से गुजर रहा हिमाचल प्रदेश ,सेब किसान चिंतित

हिमाचल प्रदेश सूखे जैसे हालात का सामना कर रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक, राज्य में दिसंबर में 83 प्रतिशत बारिश की कमी दर्ज की गई और इस साल आठ जनवरी तक 100 प्रतिशत बारिश की कमी दर्ज की गई, सूखे से सेब किसानों की चिंता बढ़ गई है।

सेब किसानों का कहना है कि दिसंबर में बर्फबारी और बारिश जमीन को नम रखने में मदद करती है, जिससे सेब के पेड़ों को मदद मिलती है, बर्फबारी और बारिश की कमी के कारण तापमान भी बढ़ गया है, जिसका सेब की फसल पर उलटा असर पड़ रहा है।

मौसम विभाग के मुताबिक, 20 सालों में जनवरी सबसे शुष्क दौर झेल रहा है, शिमला के पास पर्यटन स्थल कुफरी में मंगलवार को हल्की फुल्की बर्फबारी हुई, जो साल की पहली बर्फबारी थी। बता दें कि मौसम विभाग ने 15 जनवरी तक राज्य में शुष्क मौसम की भविष्यवाणी की है।

उद्यान मंत्री जगत सिंह नेगी का कहना है कि "जिस हिसाब से मौसम चला है ये जो हमारे हैं खासकर बागवानी या निचले क्षेत्र हैं या हमारे पहाड़ के क्षेत्र हैं, दोनों इलाकों के लिए प्रतिकूल नहीं है। आज कल पौधे लगाने का, रोपण करने का समय आया हुआ है परंतु लंबे समय से बारिश न होने से, बर्फबारी न होने से बहुत ज्यादा जो है किसानों के लिए आफत बना हुआ है।" 

सेब किसानों ने  बताया कि "बाहर मौसम कुछ खास नहीं है। बर्फ बढ़नी चाहिए। बर्फ न पड़ने से काभी नुकसान हो रहा है जैसा कि आपको बता है बर्फ सेब के लिए कितनी जरूरी होती है और अगर बर्फ पड़ जाती है तो सेब की फसल के लिए भी अच्छी रहती है। पर इस बार बर्फ नहीं पड़ रही है। बर्फ पड़ जाएगी तो पानी की कमी नहीं होगी।"

इसके साथ ही कहा कि "हिमाचल प्रदेश में सेब की कटाई के लिए चिलिंग आवर्स की आवश्यकता होती है, जो शून्य है। सेब के लिए कम से कम 1000 से 1600 घंटे के चिलिंग आवर्स की आवश्यकता होती है। कम-शीतलन वाले सेब की कुछ किस्में हैं जिन्हें कम चिलिंग टाइम की आवश्यकता होती है। लेकिन चिलिंग तापमान सात डिग्री सेल्सियस से नीचे होना चाहिए। इसके कारण जो उपज होती है वो बहुत अच्छी होती है। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है और मौसम काफी गर्म है।"