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Haridwar: हरिद्वार में हरीश रावत ने बाढ़ग्रस्त इलाकों का किया दौरा, धामी सरकार से की मांग

 हरिद्वार में किसान के ऊपर भारी बारिश कहर बनकर टूटी है, भारी बरसात के चलते लक्सर मंगलोर खानपुर में आई बाढ़ ने सबसे ज्यादा खेती को नुकसान हुआ है। गन्ने की फसल से लेकर पशुओं का चारा भी बाढ़ की चपेट में आ गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा ले चुके हैं और उनके साथ ही फसलों के नुकसान के आकलन करने के लिए कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और गन्ना मंत्री सौरभ बहुगुणा ने भी इन क्षेत्रों का निरीक्षण किया है। 

हरिद्वार में मंगलौर, लक्सर और खानपुर में पूर्व सीएम हरीश रावत ने आज बाढ़ क्षेत्रों का निरीक्षण किया, उन्होंने मंगलौर क्षेत्र के गांव में जाकर किसानों की फसलों का जायजा लिया। बाढ़ के चलते बर्बाद हुई फसलों का जायजा लेने के लिए कांग्रेस समर्थको के साथ हरीश रावत ने खेतो में जाकर बरसात में बर्बाद हुई फसलों का निरीक्षण किया। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसानों की बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा देने की मांग की है, उन्होंने धामी सरकार से किसानों के हुए नुकसान का 10 हजार रुपए प्रति बीघा मुआवजा दिए जाने की मांग की है। 

हरीश रावत ने कहा कि लक्सर, खानपुर और मंगलौर क्षेत्र में किसानों की पूरी फसले पूरी तरह बर्बाद हो गई है.  इसके साथ ही किसानों के सामने अपने परिवार का पालन पोषण करना भी मुश्किल हो गया है. ऐसी स्थिति में प्रदेश सरकार को जनपद हरिद्वार के पीड़ित किसानों को उचित मुआवजा देने चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है, तो वह अपने समर्थकों के साथ अनिश्चितकालीन धरना देने से भी गुरेज नहीं करेगी।

हरीश रावत ने कहा कि- "इस खेत का किसान, किसके पास अपनी गुहार लगाये ..!! यह गन्ने का खेत है, यहां से सौंधी-सौंधी दूसरी तरीके की महक आनी चाहिये थी, इस समय बदबू आ रही है इसका मतलब है, गन्ने की जड़ें सड़ गई हैं, पानी सड़ गया है।"