गुजरात में अहमदाबाद में सोला सिविल अस्पताल के पूर्व डीन डॉक्टर राजेश मेहता ने अपने इंजीनियर बेटे पूर्ण मेहता के साथ मिलकर रतौंधी की जांच के लिए नायाब मशीन बनाई है। इसकी लागत बेहद कम है। 'एम टेक ए' मीटर से जांच प्रक्रिया कुछ ऐसी होती है, जिसमें कोई शख्स अंधेरे में एक आंख से देखने की कोशिश करता है। धीरे-धीरे प्रकाश की मात्रा तब तक बढ़ाई जाती है, जब तक साफ नजर न आए। रतौंधी खासकर विटामिन ए की कमी से होती है।
डॉक्टर मेहता का कहना है कि 'एम टेक ए' मीटर सीधे तौर पर विटामिन की कमी की पहचान नहीं करता है, लेकिन ये रतौंधी का सटीक निदान देता है, जो अक्सर विटामिन ए की कमी की वजह से होती है। मशीन की कीमत करीब चार लाख रुपया है। डॉक्टर मेहता के मुताबिक कनाडा, अमेरिका, ब्राजील और श्रीलंका समेत कई देशों से मशीन के बारे में पूछताछ की जा चुकी है।