बिहार के गया जिले में आशीष कुमार सिंह नाम के किसान ने काले आलू की खेती करने में कामयाबी पाई है। अमूमन आलू की ये किस्म भारत में नहीं उगाई जाती है। पिछले साल आशीष कुमार सिंह ने 14 किलो बीज से 120 किलो काले आलू की फसल उगाई। औषधीय गुणों की वजह से इस आलू की मांग बढ़ती जा रही है।
काले आलू का ग्लाइसेमिक इंडेक्स यानी जीआई भी काबू में होता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स का इस्तेमाल अलग-अलग भोजन से शरीर में ग्लूकोज की बढ़ोतरी मापने के लिए किया जाता है।
जानकारों के मुताबिक आलू की ये किस्म खासकर डायबिटीज की हालत में काफी फायदेमंद है। सेहत के लिहाज से ये हृदय, लीवर और फेफड़ों के लिए भी अच्छा है।
आशीष ने इलाके में काले आलू की खेती बढ़ाने की योजना बनाई है। अब वे 30 किलो बीज की रोपाई करने की योजना बना रहे हैं। काला आलू 300 रुपये से लेकर 500 रुपये प्रति किलो की कीमत पर बेचा जा सकता है।