आंध्र प्रदेश ने दो बार कांग्रेस को सोनिया गांधी के नेतृत्व में केन्द्र की सरकार बनाने अहम रोल अदा किया, लेकिन तमाम विरोध के बावजूद बतौर यूपीए अध्यक्षा सोनिया ने अलग तेलंगाना बनाने का फैसला किया. फिर भी आंध्र में तो सियासी तौर पर कांग्रेस धरातल में चली गई और तेलंगाना में भी लगातार दो बार केसीआर के हाथों शिकस्त खाकर सत्ता से बाहर ही रही. जिसकी कसक कांग्रेस और सोनिया को सालती रही है.