कलकत्ता हाईकोर्ट की वैकेशन बेंच ने एक सुनवाई के दौरान सामाजिक रूढ़ियों को लेकर एक अहम टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा है कि अगर किसी भी नागरिक या उसके परिवार के सदस्य का कहीं भी सामाजिक बहिष्कार होता है तो फिर वहां की प्रशासन को बेहद सख्ती से निपटना होगा. अदालत ने कहा है कि एक सभ्य समाज में इस तरह की चीजों के लिए कोई जगह नहीं.
कलकत्ता उच्च न्यायालय की वैकेशन बेंच एक ऐसे मामले की सुनवाई कर रही थी जिसमें एक शख्स और उसके परिवार का पड़ोसियों ने ही बहिष्कार किया हुआ है. दरअसल अमुख आदमी ने अपनी प्रोपर्टी के सामने अवैध रूप से बनाए गए मंदिर पर आपत्ति जताया था. इसके बाद उस क्षेत्र के स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताने वाले शख्स और उसके परिवार का बहिष्कार कर दिया.