भाजपा को भले ही मध्य प्रदेश में प्रचंड जीत मिली हो लेकिन आदिवासी अंचल में उसके सामने लोकप्रियता बढ़ाने की चुनौती बरकरार है। विधानसभा चुनाव को लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल मानकर भाजपा ने चुनाव लड़ा और मालवांचल में पिछली बार की पराजय की भरपाई करते हुए 20 सीटें अधिक जीतीं। 66 सीटों वाले मालवांचल में भाजपा ने 47 सीटें जीती हैं।
इस अंचल में आदिवासी वर्ग के लिए सुरक्षित 22 सीटें हैं, जिनमें पिछले चुनाव में भाजपा को मात्र पांच सीटें ही मिली थीं। इस बार चार की वृद्धि हुई और भाजपा को नौ सीटें मिली हैं। कांग्रेस को 12 और भारत आदिवासी पार्टी को एक सीट मिली है। इसका आशय यह हुआ कि मालवांचल में भाजपा के अब तक के प्रयास के बाद भी जय युवा आदिवासी शक्ति संगठन (जयस) का प्रभाव बरकरार है।
इससे भाजपा मालवांचल में दस वर्ष पुराना सीटों का रिकार्ड हासिल नहीं कर पाई। वर्ष 2018 में भाजपा में आदिवासी वर्ग की 16 सीटें थीं। भाजपा ने अब तक उन विधानसभा क्षेत्रवार परिणामों की समीक्षा नहीं की, जहां उसे पराजय मिली है लेकिन मालवांचल में जो कारण सामने आ रहे हैं, उनमें सबसे बड़ा कारण जयस की उपस्थिति को माना जा रहा है।