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MP Election: कमलनाथ को उनके गढ़ में मात देने के लिए बीजेपी ने छिंदवाड़ा में उतारा दिग्गज

छिंदवाड़ा की सड़कें, कार, बाइक शोरूम और बड़े ब्रांडों के कपड़े की दुकानें ये एहसास दिलाती हैं कि ये जिला मुख्यालय, मध्य प्रदेश के बाकी जिला मुख्यालयों से अलग है। यही कारण है कि कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की विकासवादी छवि बनाने के लिए 'छिंदवाड़ा विकास मॉडल' को बढ़ावा दे रही है। 1980 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने वाले कमलनाथ छिंदवाड़ा संसदीय सीट से नौ बार सांसद रह चुके हैं 

2018 में मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने ये लोकसभा सीट छोड़ी और अब उनके बेटे नकुल नाथ यहां से सांसद हैं। नकुल नाथ और उनकी पत्नी प्रिया नाथ, छिंदवाड़ा में कमलनाथ के अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं, जो विकास पर केंद्रित है। मुख्यमंत्री बनने के बाद, कमलनाथ ने छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से उप-चुनाव लड़ा और बीजेपी उम्मीदवार विवेक साहू 'बंटी' को लगभग 26,000 मतों से हराया।

आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने सीएम फेस के तौर पर एक बार फिर कमल नाथ को इसी सीट से उम्मीदवार बनाया है। वहीं बीजेपी ने भी इस सीट पर बंटी साहू को फिर से चुनाव मैदान में उतारा है। लिहाजा आगामी चुनाव में कमल नाथ और बंटी साहू के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है। पिछला उप-चुनाव हारने के बाद भी बंटी साहू छिंदवाड़ा में लगातार सक्रिय रहे हैं। वो छिंदवाड़ा में बदलाव की अपील करते हुए घर-घर जाकर प्रचार कर रहे हैं और मतदाताओं से बातचीत कर रहे हैं।

कुछ मतदाता आगामी चुनाव में बदलाव की उम्मीद करते नजर आ रहे हैं। कई मतदाताओं ने अभी ये तय नहीं किया है कि वो किसे वोट देंगे, लेकिन जीतने वाले से वो क्या चाहते हैं, इसे लेकर वो स्पष्ट हैं। बीजेपी कमलनाथ को उनके गढ़ में चुनौती देने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इस संसदीय क्षेत्र की सभी सात विधानसभा सीटें अभी कांग्रेस के पास हैं।

बीजेपी ने अपने कुछ सबसे प्रमुख नेताओं को यहां प्रचार के लिए उतारा है, जिनमें अमित शाह, नितिन गडकरी, गिरिराज सिंह और स्मृति ईरानी जैसे केंद्रीय मंत्री शामिल हैं। जहां कमलनाथ अपने चुनाव अभियानों में छिंदवाड़ा जिले की छवि बदलने का दावा कर रहे हैं, वहीं बीजेपी क्षेत्र में विकास की कमी और बेरोजगारी के मुद्दे पर उन्हें चुनौती देना चाह रही है।