मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन होगा? आज इसका फैसला हो सकता है। बीजेपी ने सोमवार को पार्टी विधायक दल की बैठक बुलाई है। जिसमें शमिल होने के लिए बीजेपी के केंद्रीय पर्यवेक्षक मनोहर लाल, ओबीसी मोर्चा के प्रमुख के. लक्ष्मण और सचिव आशा लाकड़ा भोपाल पहुंच चुकी हैं। 17 नवंबर को हुए चुनाव में बीजेपी ने विधानसभा की 230 सीटों में से 163 सीटें जीती हैं। जबकि कांग्रेस 66 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर है।
तीन दिसंबर को चुनाव नतीजों में जीत के बावजूद बीजेपी ने अभी तक मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर कोई फैसला नहीं किया है। भोपाल में सोमवार को होने वाली विधायकों की इस बैठक में पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, ओबीसी मोर्चा के प्रमुख के लक्ष्मण और सचिव आशा लाकड़ा शामिल होंगी।
प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। क्योंकि पार्टी ने इस बार शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश किए बिना ही विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। चौहान चार बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उन्होंने साल 2005, 2008, 2013 और 2020 में सीएम का पद संभाला।
शिवराज सिंह चौहान के साथ साथ ओबीसी नेता प्रह्लाद पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और नवनिर्वाचित दिमनी विधायक नरेंद्र तोमर, इंदौर के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय, राज्य इकाई के प्रमुख वी. डी. शर्मा और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को इस पद के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
खास बात ये है कि 2003 के बाद से, मध्य प्रदेश में बीजेपी के तीनों मुख्यमंत्री उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान अन्य पिछड़ा वर्ग से रहे हैं। प्रदेश में ओबीसी की आबादी करीब 48 फीसदी है।