अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन और रामलला के प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होने के दूसरे दिन ही मोदी सरकार ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न देने का ऐलान कर बड़ा सियासी दांव चला है. कर्पूरी ठाकुर की जयंती के 100 साल पूरा होने के ठीक एक दिन पहले उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया.
लोकसभा के चुनाव से पहले बिहार की सियासत में सीएम नीतीश कुमार ने जातीय जगनणना और आरक्षण के दायरे को बढ़ाकर राम मंदिर के माहौल को काउंटर करने की कवायद में थे, लेकिन मोदी सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से नवाज कर उससे भी बड़ी लकीर खींच दी है. मोदी सरकार के इस फैसले को 2024 के लोकसभा चुनाव में ‘कमंडल’ के साथ ‘मंडल’ का कॉम्बिनेशन माना जा रहा.