Jammu & Kashmir: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष जसपाल सिह ने कहा कि, "मेरा तो ये मानना है कि चाहे वो मुसलमान भाई हो या सिख भाई सब लोग पहाड़ी इलाके में रह रहे हैं तो खाली एक-दो सेक्स को ही पहाड़ी स्टेटस क्यों दिया गया? मेरी तो डिमांड है कि पूरे कश्मीर को दिया जाए पहाड़ी स्टेटस। अगर आप हमारे जो सिख समुदाय है वो जिस इलाके में रहते है अगर आप देखे की किस तरीके से रहते है तो आप हैरान हो जाओगे। मैं खुद हैराान हूं कि वो किस तरह से दूर-दराज पहाड़ी इलाकों में रहते है। गवर्मेंट ने हमें बहुत नजरअंदाज किया। हमें इस बात का बहुत दुख है। आज इस प्लेटफार्म से हम कहना चाहते है कि गवर्मेंट को जितना साथ देना चाहिए था उन्होंने उतना हमारा साथ नहीं दिया। खासकर, कश्मीरी सिखों को। चाहे हम जॉब पैकेज की बात करेें। अभी माइग्रेंट और नॉन-माइग्रेंट के लिए जॉब पैकेज आया। उसमें जो है हमारे सिख भाइयों को बाहर रखा गया तो इतनी ज्यादती क्यों?
कश्मीर की अखिल भारतीय गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने सरकार पर कश्मीर घाटी में सिख समुदाय की अनदेखी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि चाहे नौकरियां हों या फिर कोई और योजना,जहां कश्मीरी पंडितों को बड़े पैकेज दिए गए, वहीं सिख समुदाय को नजरअंदाज किया गया।
समिति के अध्यक्ष जसपाल सिंह ने बुधवार को कहा कि वे कश्मीर में सिखों के मुद्दों को उठा रही है ताकि सरकार उनकी बात सुने।
सिखों के प्रतिनिधियों ने कहा कि हाल ही में बीजेपी सरकार ने पहाड़ी दर्जा दिया गया था जो सिर्फ दो या तीन संप्रदायों के लिए था जबकि ये जम्मू कश्मीर में रहने वाले हर धर्म से जुड़े लोगों पर लागू होना चाहिए था।