मध्य प्रदेश में उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में रंग पंचमी के मौके पर कड़े नियमों के साथ बाबा महाकाल की भस्म आरती हुई। होली पर आग लगने के हादसे के बाद मंदिर परिसर में बिना रंग और गुलाल की रंग पंचमी मनाई जा रही है। भस्म आरती के दौरान श्रद्धालुओं को रंग-गुलाल मंदिर के भीतर ले जाने की इजाजत नहीं दी गई। सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं और हर श्रद्धालु की जांच की गई। भस्म आरती के दौरान प्रशासन, पुलिस और मंदिर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा।
श्रद्धालुओं के लिए भस्म आरती के दौरान बैठने के बेहतर इंतजाम किए गए। इस बात का भी ध्यान रखा गया कि गर्भ गृह में ज्यादा भीड़ न हो। भस्म आरती पारंपरिक रूप से की गई। बाबा महाकाल को प्रतीक के तौर पर केसरयुक्त रंग का जल और टेसू के फूलों से बना लोटा आर्पित किया गया।
होली के दिन उज्जैन में भस्म आरती दौरान आग लग गई थी जिसमें पुजारियों समेत 14 लोग झुलस गए थे। हादसे को देखते हुए प्रशासन ने रंग पंचमी के दिन पूरी व्यवस्था को बदल दिया और रंग-गुलाल के इस्तेमाल पर रोक लगा दी।