कश्मीर की ठंडी वादियों में गर्मियों की छुट्टियां बिताने की योजना बना रहे कई सैलानियों को हवाई किराया महंगा होने से झटका लगा है। कई यात्री इस बात से निराश हैं कि वे विमान के बजाय वैकल्पिक साधनों का इस्तेमाल करेंगे, तभी वादियों की खूबसूरती का दीदार कर पाएंगे। घाटी के ट्रैवल एजेंटों का मानना है कि एयरलाइन इंडस्ट्री यहां के टूरिज्म सेक्टर को कोई सपोर्ट नहीं कर रही है। महंगे हवाई किराए की वजह से कई सैलानी दूसरे टूरिस्ट प्लेस की तलाश कर रहे हैं।
टूरिज्म सेक्टर से जुड़े लोगों का कहना है कि एयरलाइंस लोकल इकोनॉमी को बढ़ावा देने में अच्छा योगदान देती हैं। एयरलाइन इंडस्ट्री घाटी के लिए हवाई किरायों पर दोबारा विचार करे, तभी आने वाले समय में सैलानियों की आमद बढ़ेगी।