Madhya Pradesh: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल का ड्रोन के जरिए दूर-दराज के इलाकों में दवाएं भेजने का ट्रायल सफल रहा। राज्य में ये इस तरह का पहला ट्रायल था। दवाएं ले जाने वाले ड्रोन ने एम्स भोपाल से उड़ान भरी और लगभग 42 किलोमीटर दूर रायसेन जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोहरगंज शहर में उतरा। ड्रोन को गौहरगंज तक पहुंचने में लगभग 20 मिनट का समय लगा। वहीं सड़क के रास्ते यहां पहुंचने में लगभग एक घंटे का समय लगाता है।
ड्रोन ने गोहरगंज पीएचसी में दवाएं डिलवर की और वहां से पैथोलॉजी सैंपल लेकर वापस भोपाल एम्स पहुंचा। एम्स प्रशासन ने कहा कि पहले चरण में ड्रोन तीन किलो पेलोड के साथ 50 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। बाद में इसे पांच किलो के पेलोड के साथ 300 किलोमीटर तक बढ़ाया जाएगा।
भोपाल एम्स की छत पर दो ड्रोन स्टेशन बनाए गए हैं, जो एक टेनिस कोर्ट के बराबर है। दिल्ली में ड्रोन चलाने की खास ट्रेनिंग लेने वाले ड्रोन-दीदी (स्वयं सहायता ग्रुप) के सदस्यों को भोपाल एम्स में ड्रोन चलाने के लिए रखा जाएगा।