हिट-एंड-रन मामलों पर नए कानून के विरोध में ट्रांसपोर्टर्स यूनियनों ने 48 घंटे की हड़ताल शुरू कर दी है। शुक्रवार को असम के ज्यादातर हिस्सों में कमर्शियल और पब्लिक बसें सड़कों से गायब दिखी। हड़ताल की वजह से बसें, टैक्सियां और ऐप कैब नहीं चलने से ऑफिस जाने वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
बस ड्राइवरों ने कानून वापस लेने की मांग पर शुक्रवार सुबह पांच बजे से रविवार सुबह पांच बजे तक सभी वाहनों की हड़ताल का आह्वान किया। आईपीएस की जगह लेने वाले भारतीय न्याय संहिता यानी बीएनएस के तहत लापरवाही से गाड़ी चलाने और पुलिस या प्रशासन को सूचित किए बिना भागने वाले ड्राइवरों को 10 साल तक की सजा या सात लाख रुपये का जुर्माना देना पड़ेगा। हालांकि ये कानून अभी लागू नहीं हुआ है।
असम मोटर वर्कर एसोसिएशन के संयोजक रामेन दास ने कहा कि ट्रांसपोर्टरों के मंच ने निजी कार मालिकों से भी इस आंदोलन में शामिल होने की अपील की है क्योंकि कानून सभी पर लागू होता है। इस बीच राज्य में पेट्रोल पंपों पर लंबी लाइनें देखी गईं। आपूर्ति में कमी की आशंका के बीच लोग फ्यूल टैंक भरने के लिए लाइन में खड़े दिखाई दिए।