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शरद पूर्णिमा पर लगेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, इन 2 राशियों को रहना होगा बेहद सतर्क

हर वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन शरद पूर्णिमा मनाई जाती है। तदनुसार, इस वर्ष 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा है। सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान, पूजा, जप-तप और दान करने का विधान है।  ज्योतिषियों की मानें तो शरद पूर्णिमा की मध्य रात्रि में भारतीय समय अनुसार 01 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगा और देर रात 02 बजकर 22 पर समाप्त होगा। वहीं, पूर्णिमा तिथि का समापन देर रात 01 बजकर 53 मिनट पर होगा। चंद्र ग्रहण की अवधि 1 घंटे 16 मिनट है। भारत में यह ग्रहण दिखाई देगा। अतः सूतक भी मान्य होगा। चंद्र ग्रहण के दौरान राहु का प्रभाव बढ़ जाता है। इससे 2 राशि के जातकों पर व्यापक असर पड़ेगा।

चंद्र देव 28 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 31 मिनट पर मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे। इस राशि में चंद्र देव 30 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 28 मिनट तक रहेंगे। ग्रहण के दौरान चंद्र देव मेष राशि के लग्न भाव में विराजमान रहेंगे। पूर्व से राहु भी मेष राशि के लग्न भाव में विराजमान हैं। अतः मेष राशि को मानसिक चिंता हो सकती है। अपनी वाणी पर संयम रखें। भावनाओं में बहकर कोई फैसले न लें। सूतक समय से विशेष सावधान रहें। किसी से वाद विवाद हो सकता है।

कर्क राशि के स्वामी चंद्र देव हैं और आराध्य देवों के देव महादेव हैं। अतः ग्रहण के दौरान कर्क राशि के जातकों पर व्यापक असर पड़ सकता है। अकारण चिंता हो सकती है। मन में द्वेष की भावना आ सकती है। किसी से कलह हो सकती है। निवेश करने से बचें। कोई बड़े फैसले न लें। वाहन चलाते समय सावधानी बरतें। ग्रहण के समय महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।