अफगानिस्तान में शनिवार को आए भूकंप से कम से कम 2400 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, अफगानिस्तान में विश्व स्वास्थ्य संगठन की आपातकालीन प्रतिक्रिया के प्रमुख ने सोमवार को कहा कि देश में भूकंप से पीड़ितों में दो-तिहाई महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस हादसे में घायल सभी पीड़ितों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
वहीं, तालिबान प्रशासन ने कहा कि शनिवार को देश में आए भूकंप के कारण कम से कम 2400 लोग मारे गए हैं और 2000 से अधिक लोग घायल हो गए। इस साल तुर्किये और सीरिया में आए भूकंप के बाद यह सबसे विनाशकारी भूकंप है। मालूम हो कि दोनों देशों में भूकंप के कारण करीब 50000 लोग मारे गए थे। डब्ल्यूएचओ के डॉक्टर अला अबूजीद ने समाचार एजेंसी रायटर को बताया कि अफगानिस्तान में भूकंप सुबह करीब 11 बजे आया। इस दौरान कई पुरुष अपने घरों से बाहर थे। उन्होंने कहा कि इस हादसे में जो लोग घायल हुए हैं या फिर मारे गए हैं उनमें से अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं जो उस समय घरों के अंदर थे।
अफगानिस्तान की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली विदेशी सहायता पर निर्भर है। वहीं, तालिबान के सत्ता में आने के बाद से दो वर्षों में इसमें भारी कटौती की गई है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र के मानवीय कार्यालय ने देश में भूकंप से निपटने के लिए 50 लाख अमेरिकी डॉलर की सहायता देने की घोषणा की है। WHO की आपातकालीन प्रतिक्रिया के प्रमुख ने कहा कि पिछले दो दिनों में मध्य पूर्व में क्या चल रहा है, इस पर समाचार केंद्रित हो गया और अफगानिस्तान में मौजूदा संकट की ओर बहुत कम ध्यान दिया गया है।