आज यानि 9 अप्रैल 2024 से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. मां बेहद दयालु और कृपालु हैं. मां शैलपुत्री के मुख पर कांतिमय तेज झलकता है. मां शैलपुत्री बाएं हाथ में कमल पुष्प और दाएं हाथ में त्रिशूल धारण करती हैं, इनकी सवारी वृषभ है. मां अपने भक्तों का उद्धार कर दुखों को दूर करती हैं. आइए जानते हैं कि इनका नाम शैलपुत्री कैसे पड़ा. शैल का अर्थ होता है पर्वत. पर्वतों के राजा हिमालय के घर में माता पुत्री के रूप में जन्मी थीं, इसीलिए इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है. देवी शैलपुत्री को देवी पार्वती के नाम से भी जाना जाता है.