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5 करोड़ आबादी वाले इस देश में दुनिया का बड़ा बेशकीमती ‘खजाना

लीथियम आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत ने बड़ा कदम उठाया है. इसके लिए भारत ने अर्जेंटीना के साथ बड़ी डील की है. सरकारी कंपनी खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड (KABIL) ने लिथियम के लिए अर्जेंटीना की कंपनी CAMYEN के साथ करार किया है. यह सरकारी कंपनी का पहला माइनिंग प्रोजेक्ट है. खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड अर्जेंटीना में पांच लिथियम ब्लाकों का विकास करेगी.

इसके साथ ही कंपनी वहां अपना एक ब्रांच भी सेटअप करेगी. यह प्रोजेक्ट दोनों देशों में लिथियम खनन और डाउनस्ट्रीम इलाकों को विकसित करते हुए भारत को लिथियम आपूर्ति को मजबूत करने में मदद करेगा. यह वैश्विक शुद्ध शून्य लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण सामग्रियों के लिए आपूर्ति श्रृंखला के विविधीकरण की सुविधा भी प्रदान करेगा.

यह 200 करोड़ का प्रोजेक्ट है. करीब पांच करोड़ आबादी वाले देश अर्जेंटीना के पास बेशकीमती ‘खजाना’ है यानी सबसे ज्यादा लिथियम भंडार है. इस करार के बाद भारत को इससे काफी फायदा होगा. इस प्रोजेक्ट से न केवल लिथियम की सोर्सिंग को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे लिथियम से जुड़े टेक्निकल और ऑपरेशनल एक्सपीरियंस में भी मदद मिलेगी.

लिथियम का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किसमें?

बता दें कि लिथियम एक प्रकार का सॉफ्ट मिनरल (खनिज) होता है. इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल मोबाइल फोन, लैपटॉप, डिजिटल कैमरे और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रिचार्जेबल बैटरी में होता है. दुनिया में लिथियम का जितना उत्पादन होता है, उसका 74 फीसदी इस्तेमाल बैटरियों में होता है. इसके अलावा सेरामिक और कांच, लुब्रिकेटिंग ग्रीस और पॉलिमर के उत्पादन में भी इसका इस्तेमाल होता है.