मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना के चुनाव हो चुके हैं. अब हर किसी की नजर 3 दिसंबर को होने वाली मतगणना पर टिकी हुई है. मतगणना से पहले एग्जिट पोल के आंकड़ों ने किसी के चेहरे पर मुस्कान ला दी है तो किसी का जोश हाई कर दिया है. बीजेपी ने इस बार का चुनाव किसी मुख्यमंत्री के चेहरे पर न लड़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा था.
मध्य प्रदेश में मौजूदा मुख्यमंत्री होने के बावजूद बीजेपी इस बार के विधानसभा चुनाव में न तो शिवराज सिंह चौहान को अपना चेहरा बनाकर उतरी और न ही उसने राजस्थान में वसुंधरा राजे सिंधिया को सीएम चेहरा प्रोजेक्ट किया. हालांकि इस बारे में बीजेपी के कई बड़े नेताओं से सवाल भी किए गए लेकिन हर बार एक ही जवाब दिया गया कि कमल ही हमारा चुनाव चिह्न और चेहरा है.