देश के कई राज्यों के सीएम ने नोटिफिकेशन के बाद सीएए को लागू नहीं करने को लेकर बयान दिया है. हालांकि इसको सिर्फ वोट बैंक की राजनीति से ही जोड़कर देखा जा सकता है, क्योंकि देश में नागरिकता देने का अधिकार सिर्फ कानून संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत संघ सूची का हिस्सा है और इसको सिर्फ केंद्र सराकर ही बना सकती है. ऐसे में देश में किसी को भी नागरिकता देने का कोई भी अधिकार राज्य सरकार के पास नहीं है.
दरअसल, देश के संविधान में नागरिकों के लिए कानून बनाने को लेकर तीन भागों में बांटा गया है, जिसको संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची कहा जाता है. संसद में बने कानून के क्रियान्वन को लेकर राज्य सरकार थोड़े समय के लिए टाल सकती है, लेकिन उनके पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है कि वह इसको लागू ना करें. इसके साथ ही समवर्ती सूची में कोई भी कानून बनाने का अधिकार राज्य और केंद्र सरकार दोनों को होता है, हालांकि इसमें भी अंत में राज्यों को केंद्र सरकार के फैसले को ही मानना पड़ता है.