आज से देश में नई संसद का शुभांरभ हो चुका है। जो कि ऐतिहासिक पन्नों में स्वर्णिं अक्षरों में लिखा जाएगा। पूरे 75 साल का सफर करने के बाद पुरानी संसद से अब से नई इमारत में दमदार दस्तक दें चुकी है। आखिरकार एक लबें समय के इंतजार के बाद वो शुभ घड़ी आ गई। आज से इस नई संसद का भविष्य तय किया जाएगा। फिर से एक नया इतिहास लिखा जाएगा। जहां देश के तमाम मसलों की कार्यवाही और आने वाली सरकारों के लिए गए फैसलों पर मुहर लगेगी। कई अहम फैसलों की ये नई संसद गवाह बनेगी। नई संसद के काफी चर्चें हो रहे है। ऐसे में ये ये जानना भी जरूरी हो जाता है कि पुरानी संसद का क्या होगा ?
जहां अब तक कि पूरे 75 सालों का सफर तय किया गया। अब उसका कुछ न कुछ जरूर तय किया गया होग। इस बात कि स्थिति भी पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से साफ कर दी गई है। संसद भवन के के दौरान पीएम मोदी पुरानी संसद भवन को एक नई पहचान और नाम क्या होगा। देने का प्लान बना चुके हैं। उन्होंने ने कहा सेंट्रल हाल में पीएम मोदी ने लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ से निवेदन किया। और अपने निवेदन में पीएम मोदी ने पुरानी संसद भवन को सविधान सदन के रूप में किए जाने की मांग की। इस लिए की इस नई पीढ़ी के लिए नए तोहफे के सौगात के रूप में हो।
इतना ही नही पीएम मोदी ने आगे ये भी कहा कि यह पुराना भवन हमें प्ररेणा, सीख देता रहे और इस सविधान को निर्माण करने वाले महापुरूषो की याद दिलाता रहे। इस कोई भी महज पुरानी संसद कहकर न पुकारे या जाने मैं चाहता हूं कि इसे आने वाले समय में संविधान सदन के रूप में जाना जाए। इसके लिए मेरी सभापति से प्राथना है। इससे उन कई लोगों के नमन होगा जो यहां बैठते थें। य़ह भावी पीढ़ी को एक नायाब तोहफे के रूप में होगा।