सुप्रीम कोर्ट ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को राष्ट्र का पुत्र घोषित करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. बीते शुक्रवार को एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर विचार करने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे नेता “अमर” हैं, उन्हें न्यायिक आदेश के जरिए से मान्यता देने की जरूरत नहीं है. कोर्ट ने कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में बोस की भूमिका को स्वीकार करने की घोषणा के लिए न्यायिक आदेश सही नहीं होगा, क्योंकि नेता जी जैसे महान शख्स के लिए कोर्ट द्वारा मान्यता देने की आवश्यकता नहीं है.
न्यायाधीश सूर्यकांत और केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि कहा कि नेता जी जैसे नेता को कौन नहीं जानता, देश में हर कोई उन्हें और उनके योगदान को जानता है. आपको उनकी महानता के बारे में दरबार से घोषणा की आवश्यकता नहीं है. उनके जैसे नेता अमर हैं.