माता कालरात्रि की पूजा दिन के साथ साथ रात के समय भी की जाती है। रात के समय लाल कंबल के आसन पर बैठकर माता की पूजा करते समय 108 गुलदाउदी फूलों से एक माला बनाएं। फिर 108 बार लाल चंदन की माला 'ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं दुर्गति नाशिन्यै महामायायै स्वाहा' मंत्र का जप करें। अगर लाल चंदन की माला नहीं है तो रुद्राक्ष की माला का भी उपयोग कर सकते हैं। ऐसा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है और सभी तरह के संकटों से मुक्ति मिलती है।
देवी कालरात्रि को पूजा के दौरान गुड़ या गुड़ से बनी मिठाई व भोजन का भोग लगाना चाहिए। नवरात्र के सातवें दिन पेठे की बलि दी जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से बल और विजय की प्राप्ति होती है। ऐसा करने से आपके जरूरी कार्य अगर अटके हुए हैं तो वो पूरे हो जाएंगे और धन प्राप्ति के मार्ग भी बनेंगे। साथ ही अगर कोर्ट कचहरी के मामले में फंसे हुए हैं तो इस रात यह उपाय करने से आपको उसमें भी विजय मिलेगी, ऐसी धार्मिक मान्यताएं हैं।