देशभर में गणेश उत्सव की धूम है. लोग गणपित की भक्ति में लीन है. आज गणेश उत्सव का तीसरा दिन है. गणेश चतुर्थी से शुरू हुआ ये उत्सव 10 दिनों तक मनाया जाएगा और अनंत चतुर्दशी के दि विसर्जन कर दिया जाएगा. हालांकि कई लोग डेढ़, तीन, पांच या सात में बप्पा की प्रतिमा का विसर्जन करते हैं. कहा जाता है कि जब भगवान की किसी प्रतिमा को घर लाया जाता है और उसकी पूजा की जाती है तो उसमें देवताओं का वास हो जाता है. ऐसे में हर रोज आदर प्रेम भाव से प्रतिमा की पूजा की जाती है.
मंदिर में रखी अन्य मूर्तियों का क्या करें?
माना जाता है इससे मूर्ति में मौजूद देवत्व का वास चला जाता है और कुछ भी अशुभ होने का खतरा भी टल जाता है. यही उपाय मंदिर में रखी भगवान की बाकी मूर्तियों के लिए भी अपनाएं. कई बार ऐसा देखा जाता है कि मंदिर में रखी प्रतिमा खंडित होने पर या उसका रंग उतर जाने पर लोग उसे किसी पेड़ के पास रख आते हैं. ऐसा करना बिल्कुल भी सही नहीं माना जाता. ऐसी मूर्तियों को केवल बहते जल में ही विसर्ज प्रवाित करें. इस उपाय से सारे संकट दूर हो जाते हैं.
बता दें, भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था. इसी दिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है. मान्यता है कि गणेश चतुर्थी से शुरू होने वाले 10 दिनों के उत्सव के दौरान भगवान गणेश स्वयं धरती पर आकर रहते हैं और भक्तों के कष्ट दूर करते हैं.