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Himachal Pradesh: भारी बारिश के चलते कई नेशनल हाईवे क्षतिग्रस्त, नितिन गडकरी ने की समीक्षा

भारी बारिश के चलते हिमाचल प्रदेश में इस वक्त तबाही का मंजर है. जगह-जगह भारी बारिश के कारण कई नेशनल हाइवे बर्बाद हो गए हैं. जिसके बाद आज सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने समीक्षा की है. वहीं शिमला में शिव मंदिर के मलबे से कई लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के साथ ही मरने वालों की संख्या 60 पहुंच गई है. हिमाचल प्रदेश में रविवार से हो रही भारी बारिश के कारण शिमला के समर हिल, कृष्णा नगर और फागली इलाकों में भूस्खलन हुए थे।

शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी ने कहा, ‘‘शहर के अन्य इलाकों में बचाव अभियान चलाया जा रहा है और समर हिल से एक शव बरामद किया गया है। '' उन्होंने बताया कि अभी तक समर हिल से 13 शव, फागली से पांच और कृष्णा नगर से दो शव बरामद किए गए हैं। सोमवार को शिव मंदिर में हुए भूस्खलन के मलबे में अब भी 10 और लोगों के दबे होने की आशंका है। 

कृष्णा नगर में करीब 15 मकानों को खाली कराया गया और कई अन्य लोगों ने मूसलाधार बारिश के कारण भूस्खलन की आशंका से खुद अपने घर खाली कर दिए हैं। शिमला के कृष्णा नगर इलाके में मंगलवार शाम को भूस्खलन में दो लोगों की मौत हो गयी, कम से कम आठ मकान ढह गए और एक बूचड़खाना मलबे में दब गया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को कहा कि पिछले कुछ दिनों में बारिश में लगभग 157 प्रतिशत की वृद्धि के कारण पूरे हिमाचल प्रदेश में व्यापक क्षति हुई है तथा पिछले तीन दिन में करीब 60 लोगों की मौत हुई है। 

वहीं शिक्षा विभाग ने खराब मौसम के कारण बुधवार को राज्य में सभी स्कूल तथा कॉलेज बंद रखने का आदेश दिया और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने 19 अगस्त तक शैक्षणिक गतिविधियां निलंबित कर दी हैं। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में करीब 800 सड़कें अवरुद्ध हैं और 24 जून को मानसून शुरू होने के बाद से अब तक 7,200 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। 

इससे पहले, जुलाई में मंडी, कुल्लू तथा शिमला समेत राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश से कई लोगों की मौत हो गयी थी और करोड़ों रुपये की संपत्ति नष्ट हो गई थी। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने केंद्र से हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय आपदा की घोषणा करने तथा राहत एवं क्षतिग्रस्त ढांचों की मरम्मत के काम के लिए 2,000 करोड़ रुपये की निधि जारी करने का अनुरोध किया है।