महाराष्ट्र के ठाणे जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में शुक्रवार को पांच मरीजों की मौत पर परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। मरने वाले मरीजों के परिजन का आरोप है कि अस्पताल में समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण ये मौतें हुईं हैं। अस्पताल में मरने वालों में एक गर्भवती महिला भी शामिल है।
सिलसिलेवार मौतों के बारे में सुनने के बाद एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड ने अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने मौतों के लिए अस्पताल की लापराही को जिम्मेदार ठहराया। अस्पताल ने कहा कि जब मरीजों को लाया गया तो कम से कम तीन मरीजों की हालत गंभीर थी।
आरोप लगाते हुए एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि, "एक व्यक्ति की मौत के बाद उसका शव छह घंटे से अधिक समय तक आईसीयू में रखा रहा और (अस्पताल के) डीन को इस बारे में पता नहीं चला। मरीजों के लिए खाने की उचित सुविधा नहीं है। मरीज बेड के नीचे लेटे हुए हैं। बेडशीट नहीं बदली गयी है। अस्पताल प्रशासन दावा कर रहा है कि ये मौतें अचानक वायरल बुखार के कारण हुई हैं। अस्पताल के अंदर दवा खरीदने की कोई सुविधा नहीं है। मरीजों को बाहर से दवा खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है।"
अस्पताल प्रशासन ने क्या कहा?
"हमारे पास 600 मरीज हैं जो निजी अस्पतालों से आए हैं, क्योंकि वो वहां इलाज का खर्च नहीं उठा सकते थे। कुछ मरीज गंभीर स्थिति में पहुंचे हैं। एक मरीज़ को पहले ही दिल का दौरा पड़ चुका था और हम उसे बचा नहीं सके। एक मरीज सड़क पर मिला। मरीज का कोई विवरण उपलब्ध नहीं था। उसके पूरे शरीर पर जख्म थे और शरीर में जहरीला पदार्थ मौजूद था।"