बता दें, बीजेपी ने अपने संगठन में बूथ स्तर से मुस्लिम वर्ग को बढ़ावा देना शुरू कर दिया है. इसका असर यूपी में हुए स्थानीय निकाय के चुनावों में भी साफ-साफ दिखा. पार्टी ने मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में मुस्लिम बूथ अध्यक्षों की भी नियुक्ति की, जिन बूथों पर मुस्लिम मतदाताओं की तादाद अच्छी खासी है. उन बूथों के लिए बनाई गई कमेटियों में भी मुस्लिमों को जगह दी गई. बीजेपी की कोशिश है कि सभी वर्गों के लाभार्थियों के साथ-साथ मुस्लिम समाज के भी ऐसे सभी लाभार्थियों तक पहुंचा जाए, जिन्हें केंद्र की मोदी सरकार अथवा राज्य की भाजपा सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का किसी न किसी रूप में लाभ मिला है.