आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर लोगों की फेक विडियो या तस्वीरें बनाने यानि AI का दुरुपयोग कर डीपफेक करने का मामला दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गया गया है. हालांकि कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए इस बात पर आपत्ति जताई कि क्या वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक के जरिए बनाई गई “डीपफेक” सामग्री के इस्तेमाल पर लगाम लगाने के लिए कोई निर्देश जारी कर सकता है. दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की पीठ ने एक वकील, चैतन्य रोहिल्ला द्वारा डीपफेक बनाने वाली वेबसाइटों तक पहुंच को रोकने के लिए दायर एक जनहित याचिका पर विचार करते हुए यह टिप्पणी की.