Guwahati: विपक्षी कांग्रेस ने बुधवार को असम समझौते के कार्यान्वयन के संबंध में सरकार के जवाब पर असंतोष व्यक्त करते हुए विधानसभा से वॉकआउट किया। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के सिबामोनी बोरा ने असम समझौते को लागू करने की प्रगति जानने के लिए ये मामला उठाया था।
घुसपैठ के खिलाफ छह साल लंबे आंदोलन के बाद 15 अगस्त 1985 को असम समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।
असम समझौते के कार्यान्वयन मंत्री अतुल बोरा ने अपना जवाब देने की कोशिश की तो कांग्रेस विधायकों ने नाराजगी जताई और मांग की कि मंत्री के मौतों के लिए इस्तेमाल किए गए शब्द को कार्यवाही से हटा दिया जाए।
स्पीकर बिस्वजीत दैमारी ने हस्तक्षेप किया और आदेश दिया कि इस शब्द को रिकॉर्ड से हटा दिया जाए।
बोरा ने अपना जवाब फिर से शुरू करते हुए कहा कि समझौते का उद्देश्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है। कांग्रेस विधायकों ने जवाब पर असंतोष व्यक्त किया और सदन से बाहर चले गए। सदन में रखे गए जवाब में मंत्री ने कहा कि उप-समिति समझौते के विभिन्न खंडों के कार्यान्वयन पर विचार कर रही है।
बोरा ने कहा कि उप-समिति की पांच दौर की बातचीत पहले ही हो चुकी है और ये सभी खंडों को पूरी तरह से लागू करने के लिए रोडमैप को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है।