लोकसभा 2024 के दहलीज पर आ चुके हैं। एक तरफ राम मंदिर हैं तो दूसरी तरफ चुनाव दो बेहद ही अहम पड़ाव हैं जो ऐसे में कड़ाके की ठंड में भी सियासी पारा चढाएं हुए हैं। बीजेपी जहां राम मंदिर के सहारे अपन वोट बैंक साधने में लगी हैं। तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के हाथ से उनकी गोटियां फिसलती जा रही हैं। हालही में महाराष्ट्र से राजनीति के दिग्गज चेहरा माने जाने वाले मीलिंद देवरा ने इस्तीफा दिया था कि इसकी धरपटक चल ही थी कि इसी बीच कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। राम लला की प्राणप्रतिष्ठा का न्योता ठुकराने का प्रकोप दिखने लगा है। लोकसभा चुनाव बेहद ही करीब हैं पार्टी से नेताओं का ऐसे में इस्तीफा देने से बुरा असर होगा। कांग्रेस के दिग्गज नेता एक के बाद कांग्रेस से कन्नी काटते जा रहें है। तो अब ये कांग्रेस के लिए बेहद ही बुरी खबर है ।
गुजरात में कांग्रेस पार्टी के बड़ें नेता नार्थ गुजरात के वीजापुर सीट से विधायक चतुरसिंह जावनजी चावड़ा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। जो कांग्रेस पार्टी में एक लंबे सयम तक अलग अलग पदों को सभांला है। इतना ही नहीं ये तीन बार विधायक भी रह चुके हैं। चावड़ा ने बड़ा फैसला लेते हुए कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। इन्होनें विधासभा स्पीकर शंकर चौधरी को उनके आवास पर जाकर इस्तीफा सौंपा। तो वहीं चावड़ा के इस्तीफा देने के बाद से सियासी हलके में अटकलों का दौर भी शुरू हो गया है कि वो जल्द ही सत्ताधारी पार्टी बीजेपी का दामन थामने वाले हैं। क्यों कि उन्होनें इस दौरान पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के तारीफों के पुल भी बांध दिए हैं।
सबसे अहम बात तो ये हैं सियासत के निष्ठावान नेता कहे जाने वाले चावड़ा ने इस्तीफें के देने की वजह जो बताई है वो थोंड़ा हैरान कर देने वाली है। उन्होंने साफ तौर पर कांग्रेस के राम मंदिर को लेकर जो रूख- रवैया अपनाया है उसको देखते हुए उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। चावड़ा का कहना है कि मैने कांग्रेस पार्टी के लिए 25 सालों से काम किया है। अब साथ छोड़ रहा हू। जब समूचे देश में लोगों में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आंनद की लहर दौर रहीं है तो इस आनंद का लाभ लेने के बजाय वो जो अपना रवैया अपनाए हुए उसका मैं संर्थन नहीं करता हूं। उससे मैं भी नाराज हूं जिसके चलते मुझे ये कदम उठाना पड़ा।