नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी ने 2022 की रिपोर्ट जारी कर दी है। रिपोर्ट के मुताबिक देश में इस दौरान महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 4,45,256 मामले दर्ज किए गए। हर घंटे लगभग 51 एफआईआर दर्ज की गईं। 2021 में 4,28,278 और 2020 में 3,71,503 से ज्यादा मामले 2022 में दर्ज किए गए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले एनसीआरबी की वार्षिक अपराध रिपोर्ट के आंकड़ों से पता चलता है कि प्रति लाख आबादी पर महिलाओं के खिलाफ अपराध की दर 66.4 थी, जबकि ऐसे मामलों में आरोप पत्र दाखिल करने की दर 75.8 थी।
भारतीय दंड संहिता के तहत महिलाओं के खिलाफ अधिकांश अपराध पति या उसके रिश्तेदारों की ओर से क्रूरता (31.4 प्रतिशत) थी। इसके बाद महिलाओं का अपहरण और अपहरण (19.2 प्रतिशत), महिलाओं पर उनकी शील भंग (बलात्कार की कोशिश) करने के इरादे से हमला (18.7 प्रतिशत) था और बलात्कार (7.1 प्रतिशत) दर्ज किए गए।
2022 में 14,247 मामलों के साथ, दिल्ली में देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध की उच्चतम दर 144.4 दर्ज की गई, जो देश की औसत दर 66.4 से काफी ज्यादा है। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली में ऐसे मामले 2021 में 14,277 और 2020 में 10,093 थे।
उत्तर प्रदेश ने 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में सबसे अधिक 65,743 एफआईआर दर्ज कीं। इसके बाद महाराष्ट्र (45,331), राजस्थान (45,058), पश्चिम बंगाल (34,738) और मध्य प्रदेश (32,765) का स्थान रहा।
पिछले साल भारत में दर्ज कुल मामलों में इन पांच राज्यों का योगदान 2,23,635 या 50.2 प्रतिशत) था। आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में अपराध की दर 58.6 फीसदी रही जो पूरे पूरे भारत की 15 फीसदी है।