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गाजियाबाद: मासूमों की जिंदगी सवार रही नीरजा, फुटपाथ पर चलाती हैं बच्चों का स्कूल

कहते हैं मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है। इस कहावत को एनटीपीसी रिटायर्ड अफसर नीरजा सक्सेना ने शत-प्रतिशत सच कर दिखाया। उनके द्वारा नीरजा फुटपाथ पाठशाला का संचालन उन बच्चों के लिए किया जाता है जो कमजोर हालातों के चलते पढ़ाई नहीं कर पाते हैं. उनके लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरी है नीरजा सक्सेना।

बेशक ये स्कूल देखने में स्कूल जैसा नहीं। लेकिन झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों के लिए ये स्कूल स्वर्ग से कम नहीं। ये स्कूल उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में रहने वाली नीरजा सक्सेना की सोच है।

रोजाना स्कूल यूनिफॉर्म पहनकर स्कूल के छात्र इंदिरापुरम के मंगल चौक में फुटपाथ पर जमा होते हैं। राहगीरों के लिए ये स्कूल भारी कौतुहल का विषय होता है। 2019 में एनटीपीसी से रिटायर हुईं नीरजा ने 58 साल की उम्र में समाज सेवा में मास्टर डिग्री ली। तब से वे वंचित समाज के लिए काम कर रही हैं।

उनकी कोशिशों ने कुछ स्वयंसेवकों का भी ध्यान खींचा है। अब वे उनकी नेक कोशिश में हाथ बंटाते हैं। ज्यादातर बच्चों के पास औपचारिक शिक्षा का साधन नहीं है। फुटपाथ स्कूल उनके लिए आशा की किरण है, जो उन्हें उज्ज्वल जीवन की राह दिखा सकता है।