New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पतंजलि आयुर्वेद के जारी बड़े बड़े दावे करने वाले विज्ञापनों पर एक्शन नहीं लेने के लिए उत्तराखंड स्टेट लाइसेंसिंग अथॉरिटी को फटकार लगाते हुए चेतावनी दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अथॉरिटी ''गहरी नींद'' में है और गलत विज्ञापनों के बारे में जानकारी होने के बावजूद इसकी जिम्मेदारी अपने ऊपर नहीं ली। कोर्ट ने कहा इस मामले में किसी तरह देरी करने की साफ कोशिश की जा रही है।
बेंच ने कहा कि वो ये जानकर चकित है कि फाइलों को आगे बढ़ाने के अलावा अथॉरिटी ने कुछ नहीं किया। बेंच ने पूछा कि इस लापरवाही के लिए क्यों नहीं लाइसेंसिंग अधिकारी और जिला आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारियों को निलंबित किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को योग गुरु रामदेव और उनके करीबी सहयोगी पतंजलि आयुर्वेद के बालकृष्ण के भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए बिना शर्त माफी मांगने के हलफनामे को भी स्वीकार करने से इनकार कर दिया।