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जल्द ही चीन के दरवाजे पर दस्तक देगी भारतीय रेल, पहले चरण का 65 फीसदी निर्माण कार्य संपन्न

नई दिल्ली: देश की सीमाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार कृत संकल्प है। चीन की सीमा तक आवाजाही सुगम हो इसके लिए नॉर्थ ईस्ट के कई शहरों को रेल मार्ग से जोड़ने का खाका खींचा जा चुका है। इस कड़ी में 44 किलोमीटर लंबी दूरी वाला सेवक रंगपो रेल मार्ग बनाया जा रहा है। इस कठिन मार्ग का 65 फीसदी से अधिक काम पूर्ण हो गया है। चीन की ओर जाने वाले इस मार्ग पर स्थित रंगपो रेलवे स्टेशन की आधार शिला आज पीएम नरेंद्र मोदी ने रख दी है। इसके साथ ही उन्होंने आज 41000 करोड़ रुपए की योजनाओं को देश की जनता को समर्पित किया।

ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 26 फरवरी यानि आज दोपहर 12:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 41,000 करोड़ रुपये से अधिक की लगभग 2,000 रेलवे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने लगातार रेलवे स्टेशनों पर विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के महत्व पर जोर दिया है। इस प्रयास के तहत एक बड़े कदम के रूप में प्रधानमंत्री अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 553 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का शिलान्यास भी किया। 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित इन स्टेशनों का 19,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पुनर्विकास किया जा रहा है। इन स्टेशनों पर आधुनिक यात्री सुविधाएं उपलब्ध होगी। इनमें छत प्लाजा, सुंदर भूदृश्य, इंटर मॉडल कनेक्टिविटी,बेहतर आधुनिक फेकेड, बच्चों के खेलने का क्षेत्र, कियोस्क, फूड कोर्ट आदि शामिल हैं।साथ ही, इन्हें पर्यावरण और दिव्यांगों के अनुकूल पुनर्विकसित किया जाएगा। इन स्टेशन भवनों का डिजाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत और वास्तुकला से होगा।

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इसके अलावा प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गोमती नगर रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया। इसका 385 करोड़ रुपये की कुल लागत से पुनर्विकास किया गया है। यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इस स्टेशन पर आगमन और प्रस्थान सुविधाओं को अलग कर दिया गया है। यह स्टेशन गोमती नगर के दो हिस्सों को जोड़ता है। इस केंद्रीय वातानुकूलित स्टेशन में आधुनिक यात्री सुविधाएं जैसे कि एयर कॉनकोर्स, कंजेशन फ्री सर्कुलेशन, फूड कोर्ट और ऊपरी व निचले बेसमेंट में पर्याप्त पार्किंग स्थान है।

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने पूरे देश के अलग अलग राज्यों में बनने वाले 1500 ओवरब्रिज और अंडरपास का शिलान्यास और लोकार्पण किया। ये ओवरब्रिज और अंडरपास 24 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्थित हैं। लगभग 21,520 करोड़ रुपये की लागत से इन परियोजनाओं का निर्माण किया गया है। इन परियोजनाओं से भीड़ कम होगी, सुरक्षा व कनेक्टिविटी बढ़ेगी और रेल यात्रा की क्षमता व दक्षता में सुधार होगा। खास बात यह है कि पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन को भी मॉडल के तौर पर नए सिरे से बनाया जा रहा है। इसका मॉडल नई दिल्ली स्थित आईजीआई एयरपोर्ट के टर्मिनल 2 के जैसा होगा। इस बारे में इस परियोजना के चीफ इंजीनियर सुनील एन मास्क ने बताया की ये काम अगले दो सालो में पूरा हो जाएगा।

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वही सेवक रंगपो रेल प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट निदेशक महेंद्र सिंह के मुताबिक इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य 65 फीसदी तक पूरा हो चुका है। इसमें 8000 से अधिक लोगो की टीम दिन रात लगी है। इस प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 45 किलोमीटर है। इसका लगभग 42 किलोमाइट हिस्सा पश्चिम बंगाल में पड़ता है। जबकि साढ़े तीन किलोमीटर लंबी लाइन सिक्किम के रंगपो तक पहुंचेगी। ये रेल मार्ग 14 टनल और इतने ही ओवरब्रिज से होकर गुजरेगा। 

दुनिया भर को झकझोर देने वाले कोविड के कारण ये प्रोजेक्ट खासा प्रभावित हुआ है। 2015 में इस परियोजना की लागत 4085 करोड रुपए थी। अब ये प्रोजेक्ट लगभग 12133 करोड रूपए में पूरा होगा। इरकॉन द्वारा निर्माणाधिन इस प्रोजेक्ट की नियमित समीक्षा पीएमओ द्वारा की जा रही है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के साथ दो और चरण में इसका विस्तार किए जाने की योजना है। इसकी पुष्टि अलीपुरद्वार रीजन के डीआरएम अमरजीत गौतम ने की है। इस इस बारे में उन्होंने बताया कि ये प्रोजेक्ट पर्यटन और सुरक्षा की दृष्टि से अहम होगा। फिलहाल राष्ट्रीय राजमार्ग 10 पर होने वाले भूस्खलन की वजह से महीनो तक आवाजाही बंद हो जाती है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद सेना के जवानों को चीन की सीमा तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।

रिपोर्ट- राजकुमार चौधरी