फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने समेत अपनी कई मांगों को लेकर दिल्ली चलो मार्च कर रहे किसान राष्ट्रीय राजधानी के करीब पंजाब-हरियाणा सीमा पर दो बॉर्डर प्वाइंट पर डटे हुए हैं। पंजाब किसान मजदूर के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि किसान खनौरी और शंभू बॉर्डर पर कैंडल मार्च निकालेंगे।
प्रदर्शन कर रहे किसानों की तरफ से ये फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के 'ब्लैक डे' मनाने और आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ हरियाणा पुलिस की कार्रवाई के विरोध में बीजेपी नेताओं के पुतले जलाने के बाद आया। हरियाणा पुलिस और पंजाब के किसानों के बीच झड़प में जान गंवाने वाले शुभकरण सिंह की मौत पर शोक जताने के लिए कैंडल मार्च निकालने का ऐलान किया गया, वहीं 25 फरवरी को किसानों के मुद्दे पर सेमिनार का आयोजन होगा।
पंढेर के मुताबिक अगले दो दिनों में संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा की कई बैठकें भी होने वाली हैं, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनैतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) एमएसपी पर कानून समेत अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं।
पंजाब किसान मजदूर के महासचिव सरवन सिंह पंढेर का कहना है कि "जो कल दो बड़े फोरम की मीटिंग हुई है कि एसकेएम किसान मजदूर मोर्चा और एसकेएम गैर-राजनैतिक उन्होंने जो निर्णय लिया है वो ये है कि आज हम कैंडल मार्च करेंगे दोनों बॉर्डर के ऊपर। लोगों को भी आव्हान अपनी तरफ से जो शहीदों को जिस तरह से श्रद्धाजंलि दे सकते हैं। 25 को जैसे आपको ज्ञात होगा कि डब्ल्यूटीओ की मीटिंग आ रही है तो यहां दोनों बॉर्डरों के ऊपर हम एक सम्मेलन करेंगे। बुद्धिजीव बुलाएंगे चर्चा करेंगे उसके ऊपर। किस तरह से खेती को प्रभावित करोगो डब्ल्यूटीओ की पॉलिसी।"