Meerut News: नगर निगम बोर्ड की बैठक में मारपीट और फिर उसके बाद में दलित पार्षदों की पिटाई के मामले में लगातार राजनीति जारी है। जहां बीजेपी के पार्षदों ने विपक्ष के पार्षदों पर महिला पार्षदों के साथ छेड़छाड़ और अभद्र भाषा करने का आरोप लगाया था वहीं विपक्ष के पार्षदों ने भाजपा के पार्षदों के सभी आरोपी को निराधार बताया था। आपकों बता दें विपक्ष के पार्षदों ने आरोप लगाया था कि उनके साथ सदन में भी मारपीट की गई और सदन के बाहर भी मारपीट की गई और बीजेपी के मंत्री और एमएलसी ने उनके साथ मारपीट की।
जबकि भाजपा के पार्षदों ने आरोप लगाया था कि विपक्ष के पार्षदों ने धक्का मुक्की की और महिला पार्षदों के साथ छेड़छाड़ की अभद्र भाषा का प्रयोग किया और बीजेपी एमएलसी के साथ धक्का मुक्की की जिसके बाद मामला बढ़ता चला गया इसी बीच विपक्ष के पार्षदों की ओर से अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा मारपीट का मुकदमा भी लिखा गया है।
वहीं आज इस मामले में दलित समाज के लोगों ने मेरठ के जिलाधिकारी के कार्यालय के बाहर जाकर प्रदर्शन किया, वहीं लोकदल ने भी इस मामले में प्रदर्शन करते हुए भाजपा के मंत्री और एमएलसी के खिलाफ कार्यवाही करने और उनके खिलाफ मुकदमा लिखने की मांग की।
वहीं प्रदर्शन के दौरान समाजवादी पार्टी के पूर्व राज्य मंत्री मुकेश सिद्धार्थ का विवादित बयान दिया, मुकेश सिद्धार्थ ने भाजपा राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर के खिलाफ दिया बयान कहा 10 तारीख को होने वाली महापंचायत में फैसला लिया जा सकता है कि सोमेंद्र तोमर का घर फूंक, गाड़ी फूंकी जाए, उसको जला दिया जाए या शहर को जला दिया जाए, हालाकि विरोध प्रदर्शन में मौजूद सपा नेता योगेश वर्मा ने बयान का विरोध किया।
वहीं दूसरी लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव विजेंद्र सिंह ने कहा बयान का हम समर्थन नहीं करते हम संविधान को मानने वाले व्यक्ति हैं, शांतिपूर्वक ही विरोध करेंगे।