मजबूत घरेलू बुनियाद और मुद्रास्फीति में नरमी की उम्मीद के बीच भारत चालू वित्त वर्ष (2023-24) में भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। वित्त मंत्रालय की सितंबर की मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि पश्चिम एशिया में हालिया घटनाक्रमों से वैश्विक अनिश्चितताएं बढ़ी हैं। इन घटनाक्रमों से कच्चे तेल के दाम में उछाल आ सकता है।
इसके अलावा अमेरिका में सख्त मौद्रिक नीति और अमेरिकी प्रतिभूतियों की आपूर्ति बहुत अधिक रहने की वजह से वित्तीय स्थिति 'तंग' हो सकती है। रिपोर्ट में कहा गया, 'अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आइएमएफ) के अनुमान भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि भारत 2023-24 में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा।'
आइएमएफ ने अक्टूबर में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए वैश्विक वृद्धि अनुमान को तीन प्रतिशत पर कायम रखते हुए भारत के लिए वृद्धि दर के अनुमान को 0.2 प्रतिशत बढ़ाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है।